कुछ रोचक बातें –
- उम्मेद भवन दुनिया के सबसे बड़े रिहायशी जगहों में से एक है।
- ट्रिप एडवाइजर ने इसे दुनिया की सबसे खूबसूरत होटल्स में शामिल किया है।
- दिखने में यह मेहरानगढ़ किले के बिलकुल सामने स्थित है।

इसका निर्माण 18 नवंबर 1929 को जोधपुर के महाराजा उम्मेद सिंह जी द्वारा शिलान्यास के साथ शुरू हुआ। लगभग 5000 दिनों या फिर 13 वर्षो तक इसका निर्माण कार्य चला। 1943 में यह शाही महल बनकर तैयार हुआ व महाराजा उम्मेद सिंह जी के नाम पर इस भव्य महल का नाम रखा गया।
इस महल का एक रोचक किस्सा यह भी है की इसे गरीबो को रोज़गार देने के लिए बनाया गया था।उस समय पड़े अकाल व सूखे से राज्य की प्रजा बेहाल थी, आम लोग बड़ी समस्या में थे। जब लोगो ने महाराजा उम्मेद सिंह जी से मदद मांगी, तो उन्होंने यह महल बनाने का निर्णय लिया। लगभग 2000-3000 लोगो को महल के निर्माण में रोज़गार दिया गया। इस महल के निर्माण में उस वक़्त लगभग 1 करोड़ 10 लाख रुपये का खर्च आया था। यह महल बालू पत्थर से बना है व इसमें 347 कमरे है। यह छित्तर नामक पहाड़ी पर बना है जिससे इसका दूसरा नाम छित्तर पैलेस पड़ा।
इसका डिज़ाइन हेनरी वॉघ लैंचेस्टर ने तैयार किया था जो मशहूर आर्किटेक्ट एडविन लुट्येन्स के सहायक थे। यह महल लगभग 26 एकड़ में फैला हुआ है, जिसमे 15 एकड़ में गार्डन है।

अभी भवन को 3 हिस्सों में बांटा गया है –
एक हिस्से में शाही परिवार का निवास है।
दूसरे हिस्से में संग्रहालय बनाया गया है जो मारवाड़ की शान को दर्शाता है।
तीसरा हिस्सा ताज ग्रुप ऑफ़ होटल्स इसे एक हेरिटेज होटल के रूप में चला रहा है।
यहां बड़े बड़े उद्योगपति व फिल्मी सितारो ने अपने खुशी के पल मनाये है।
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Picture and Knowledge Sources: Google/Wikipedia
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One thought on “इतिहास की खिड़की – जोधपुर के शाही महल, उम्मेद भवन पैलेस के निर्माण की कहानी।”